Sundarkandam / सुन्दरकाण्डम् : पञ्चम: सर्ग
Author
: Shiv Shankar Gupta
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Adhyatmik (Spiritual & Religious) Literature
Publication Year
: 1999
ISBN
: 9VPSUNDERKANP
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: 32 Pages, Size : Crown i.e. 18 x 12 Cm.

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प्रस्तुत संग्रह इस दृष्टिïकोण से किया गया है कि हमारे देश के भावी नवयुवक श्रीमहावीर हनुमान् जी से प्रेरणा ले सकें। शक्ति के अजस्र स्रोत, वीरता की प्रतिमूॢत हनुमान् जी ब्रह्मïचर्य, भक्ति और सेवा भाव के आदर्श हैं। हनुमान् जी के शौर्य-वर्णन के प्रसङ्गï में सामान्यतया इतना ही सामान्य जन को ज्ञात है कि हनुमान् जी सुरसा, छायाग्राहिणी राक्षसी और लङ्किïनी के वध के बाद अशोक वाटिका विध्वंस करके अक्षय कुमार का वध करते हैं। बाद में उन्हें अजेय मानकर मेघनाद ब्रह्मïास्त्र से बँध जाने को बाध्य करता है। किन्तु वाल्मीकिरामायण के अनुसार उन्होंने हजारों ङ्क्षककर नामक राक्षसों का वध किया, चैत्य प्रासाद का विध्वंस किया, सात मंत्रि-पुत्रों के साथ लाखों की संख्या वाली सेना का वध किया और पाँच सेनापतियों का उनकी सेना के साथ संहार किया, यह कथा लोगों को ज्ञात नहीं है। यही कथा कथानक से संवर्धक श्लोकों को ही देकर संगृहीत की गयी है।