Kabir Kavya Kosh / कबीर काव्य कोश
Author
: Vasudeo Singh
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Dictionaries / Encyclopeadia
Publication Year
: 2011
ISBN
: 9788171247912
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xvi + 455 Pages, Size : Demy i.e. 22 x 14 Cm.

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कबीर काव्य कोश
कबीर की भाषा की शक्ति और क्षमता का परिचय उनके शब्द-भाण्डार से मिलता है। उनका शब्द-ज्ञान असीम था। तत्कालीन प्रचलित ब्रज, अवधी, खड़ी बोली, बुंदेली, राजस्थानी, भोजपुरी आदि बोलियों के अतिरिक्त पंजाबी, गुजराती आदि भारतीय भाषाओं तथा अरबी-फारसी आदि विदेशी भाषाओं के लोक-प्रचलित शब्द उनके काव्य में अनायास और स्वाभाविक रूप से प्रयुक्त दिखाई पड़ते हैं। उन्होंने शब्दों का चयन जीवन के विस्तृत क्षेत्र से किया था। कबीर के काव्य में विभिन्न भाषाओं बोलियों के शब्दों के भिन्न-भिन्न अर्थों में प्रयोग उनके पाठक के समक्ष अनेक प्रकार की समस्या पैदा कर देते हैं और प्राय: उनका अर्थ करने में भ्रान्तियाँ हुई हैं। इसी असुविधा को दूर करने के प्रयोजन से यह 'कबीर काव्य कोश' तैयार किया गया है। यत: कबीर में सामान्य शब्दों के साथ ही पारिभाषिक एवं प्रतीकात्मक शब्दों का भी बाहुल्य है और ऐसे शब्द अर्थ की गम्भीर समस्या पैदा करते हैं, अत: पारिभाषिक एवं प्रतीकात्मक शब्दों को अलग से विस्तृत अर्थ के साथ दिया गया है। कबीर में संख्यावाची शब्द भी बहुत हैं। इनके प्रयोग में उन्होंने प्राय: संकेतात्मक पद्धति का सहारा लिया है। अत: संख्यावाची शब्दों को भी अलग करके प्रस्तुत किया गया है। कबीर को भारतीय सांस्कृतिक परम्परा का अच्छा ज्ञान था। उन्होंने पौराणिक-ऐतिहासिक सन्दर्भों का विपुल मात्रा में प्रयोग किया है। कोश के अन्त में ऐसे सन्दर्भों का विस्तृत परिचय भी दे दिया गया है। इससे प्रस्तुत कोश की सार्थकता एवं महत्ता बढ़ गई है। कबीर के काव्य, भाषा के मर्म को समझने के लिए यह कोश एक अनिवार्य ग्रन्थ है।
अनुक्रम

उपोद्घात, संकेत-विवृति, 1. सामान्य शब्द, 2. पारिभाषिक एवं प्रतीकात्मक शब्द, 3. संख्यावाची शब्द, 4. सन्दर्भ और अन्तर्कथाएँ