Lahar / लहर
Author
: Jaishankar Prasad
Language
: Hindi
Book Type
: Text Book
Category
: Hindi Poetical Works / Ghazal etc.
Publication Year
: 2001
ISBN
: 8171242715
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: 80 Pages, Size : Crown i.e. 17.5 x 12 Cm.

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क्रम, उठ उठ री लघु लघु लोल लहर!, निज अलकों के अन्धकार में, मधुप गुन-गुना कर कह जाता, अरी वरुणा की शान्त कछार !, ले चल वहाँ भुलावा देकर, हे सागर संगम अरुण नील!, उस दिन जब जीवन के पथ में, बीती विभावरी जाग री!, आँखों से अलख जगाने को, आह रे, वह अधीर यौवन!, तुम्हारी आँखों का बचपन!, अब जागो जीवन के प्रभात!, कोमल कुसुमों की मधुर रात!, कितने दिन जीवन जल-निधि में, वे कुछ दिन कितने सुन्दर थे?, मेरी आँखों की पुतली में, जग की सजल कालिमा रजनी में, वसुधा के अंचल पर, अपलक जगती हो एक रात!, जगती की मंगलमयी उषा बन, चिर तृषित कंठ से तृप्ति-विधुर, काली आँखों का अन्धकार, अरे कहीं देखा है तुमने, शशि-सी वह सुन्दर रूप विभा, अरे आ गई है भूली-सी, निधरक तूने ठुकराया तब, ओ री मानस की गहराई!, मधुर माधवी संध्या में, अन्तरिक्ष में अभी सो रही, अशोक की ंिचन्ता, शेर ङ्क्षसह का समर्पण, पेशोला की प्रतिध्वनि, प्रलय की छाया।