Baba Neeb Karauri Ke Alaukika Prasang [PB] / बाबा नीब करौरी के अलौकिक प्रसंग
Author
: Bachchan Singh (Journalist)
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Bio/Auto-Biographies - Spiritual Personalities
Publication Year
: 2024
ISBN
: 9788171248568
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: xvi + 528 Pages, Size : Demy i.e. 21.5 x 14 Cm.

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बाबा नीब करौरी के अलौकिक प्रसंग
बाबा नीब करौरी अपने समय के महानतम संत थे। उनके जन्म काल के बारे में कोई प्रामाणिक विवरण उपलब्ध नहींं है लेकिन कुछ भक्त उनके जीवन का विस्तार 18वीं शताब्दी से २०वीं शताब्दी तक मानते हैं। बहरहाल उन्होंने ११ सितम्बर १९७३ को लौकिक शरीर त्याग दिया। वे सर्वज्ञ थे, सर्वशक्तिमान थे और सर्वव्यापक थे। वे कहते थे, ''मैं हवा हूँ, मुझे कोई रोक नहीं सकता। मैं धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए पृथ्वी पर आया हूँ'' बाबा ने कथा, प्रवचन, आडम्बर, प्रचार-प्रसार से दूर रह कर दीन-दु:खियों की सेवा में अपना सम्पूर्ण जीवन लगा दिया। भक्तों का आर्तनाद सुनकर तुरन्त पहुँच जाते और उसे संकट से उबार देते। वे भक्त-वत्सल थे, गरीब नवाज थे और संकटमोचक थे। बाबा नीब करौरी का सम्पूर्ण जीवन अलौकिक क्रिया-कलापों से भरा हुआ है। कोई शक्ति उन्हें एक जगह बाँध कर नहीं रख सकती थी। वे एक साथ भारत में भी होते और लंदन में भी। लखनऊ में भी और कानपुर में भी। पवन वेग से क्षण भर में ही कहीं भी अवतरित हो जाते। उन्हें कमरे में कैद करके रखना असम्भव था। सूक्ष्म रूप में बाहर निकल जाते और वांछित कार्य सम्पन्न कर लौट आते। महाराजजी का हर क्षण अलौकिक होता—वे स्वयं अलौकिक जो थे। महाराजजी के भक्तों ने उनकी अलौकिक घटनाओं, लीलाओं और प्रसंगों को विभिन्न पुस्तकों में संकलित किया है। ये पुस्तकें अंग्रेजी में भी हैं और हिन्दी में भी। इस पुस्तक में महाराजजी के सभी अलौकिक किक्रया-कलापों को एक जगह संकलित करने का प्रयास किया गया है। अनुक्रम : श्री चरणों में, सन्दर्भ, मेरे नीब करौरी बाबा, वाणीसिद्ध महात्मा १. बाबा नीब करौरी का जीवन और महाप्रयाण २. अलौकिक लीलाओं की लम्बी शृंखला ३. बाबा के महाप्रयाण के बाद की कुछ लीलाएँ ४. नीब करौरी बाबा के वैचारिक प्रसंग।