Vinash Ke Kagar Par / विनाश के कगार पर
Author
: Jatashanker Dwivedi
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Hindi Poetical Works / Ghazal etc.
Publication Year
: 2004
ISBN
: 8171244009
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: x + 54 Pages, Size : Demy i.e. 22 x 14.5 Cm.

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फैशन-प्रदर्शन की अति, राजनीति का अपराधीकरण, भ्रष्टïाचार की व्यापक प्रतिष्ठïा, मानवीय दायित्व की अपेक्षा और भौतिकता का प्रबल अंधड़ विश्व के किसी कराल विभ्राट का कारण बन सकता है। प्रकृति से आदमी के अहं की टकराहट और पराशक्ति का परिहास किसी भी शिखरस्थ स?यता का सर्वनाश कर सकता है। यह सत्य किसी काल खण्ड का नहीं; स?पूर्ण दिक्काल का है। डॉ० जटाशंकर द्विवेदी का मन-मस्तिष्क चेतन और अचेतन दोनों रूपों में इस सत्य से स?बद्ध चिन्तन-मनन का सतत आग्रही है। इस नव प्रबन्ध 'विनाश के कगार परÓ में यह आग्रह सामयिक सोच, अनुताप और आक्रोश को नव्य कलात्मक कलेवर प्रदान करने में समर्थ सिद्ध हुआ है। जहाँ भाषा, रचना-प्रक्रिया की ताल पर निपुण नर्तकी सी विभिन्न भंगिमाओं के साथ कभी ठिठकती, कभी थिरकती तो कभी वेगवती होती—अनुभूतियों और विचारों का यथार्थ बिखराती है; वहीं परिवेश के सधे शब्दचित्रों एवं प्राय: स्मृति-शेष दृश्यों की कोमल-कठोर यादें घटनाओं को प्रबन्धात्मक तारत?य प्रदान करती हैं।