Mokshadayini Kashi Mein Ganga Ke Tat Par / मोक्षदायिनी काशी में गंगा के तट पर
Author
: Keki N. Daruwala's
  Asha Vishwas
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Benares / Kashi / Varanasi / Ganga
Publication Year
: 1997
ISBN
: 8171241840
Binding Type
: Paper Back
Bibliography
: 40 Pages, Size : Demy i.e. 21.5 x 13.5 Cm.

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Hindi adaptation and translation of 'Keki N. Daruwala's CROSSING OF RIVERS'

क्रम पुरोदर्शन जलीय नगर तट / गंगा में नौका-विहार / रात्रि-दृश्य / भोर / घंटा-ध्वनि / शब्द-चित्र-1 / शब्द-चित्र-2 / शब्द-चित्र-3 / मृत्यु-चित्र / डुबकी / दूसरे छोर पर हवा / माँ / बूँदें / नदी की तलछट / नदियों का पार गमन

श्री केकी एन. दारुवाला का कविता संग्रह क्रासिंग आफ रिवर्ज़ एण्ड दि कीपर आफ दि डेड (देहली, आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, प्रेस, 1991) में 13 कविताएँ 'दि वाटर फ्रंट' शीर्षक के अन्तर्गत एवं चार कविताएँ क्रासिंग आफ रिचार्ज शीर्षक के अन्तर्गत हैं। कवि की दृष्टि घाटों पर सटे बैठे कोढ़ियों पर, नदी के पार्श्व में खुलते नाले के मुँह पर, इस नगर पर जो स्वयं श्मशान की नक्काशी जैसा है व गंगा के जैतूनी कीचड़ पर होती हुई उसके अतीत की याद दिलाती है। उसका फेनिल श्वेत रंग और पारदर्शी हरितिमा अब भूरे रंग में बदल चुके हैं। कवि गंगा के भविष्य के लिए चिंतित है। उसे डर है कि वर्षों बाद अन्य घाटियों की तरह ''तुम्हारी घाटियों में भी मृत्यु तलछट शेष रह जायेगी, पक्षी कैलाश पर नए मार्ग खोजेंगे क्योंकि यहाँ उनके खाने को घोंघे शेष नहीं होंगे।'' कवि की दृष्टि चिता की उस आग पर भी जाती है जिस पर डोम और मल्लाह रोटी सेंकते हैं, वह चकरा जाता है कि इस नगर को कहाँ व्यवस्थित करें - स्वर्ग में, रसातल में या उससे भी नीचे? गंगा को माँ कहा जाये या पुत्री अथवा पत्नी?