Purvardh (Drama) / पूर्वाद्र्ध (नाटक)
Author
: Sheo Murat Singh
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Hindi Plays / Drama
Publication Year
: 1986
ISBN
: 9VPPURVARDHH
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xxxiv + 116 Pages, Size : Crown i.e. 18.5 x 12.5 Cm.

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पूर्वाद्र्ध की..........संघर्ष कथा मे एक परिवार भी उभरता है किंतु वह इस सीमा तक नहीं कि वह नाटक को एक व्यक्ति-कथा बन जाने दे। इस तरह यह नाटक वैयक्तिक चरित्र तत्त्व में सिमटने की अपेक्षा राष्ट्रीय चरित्रगाथा की ओर बढ़ जाता है। इस नाटक की प्रयोगधर्मिता, मूर्त मन:स्थितियों के सम्मूर्तन, वैयक्तिकता की अपेक्षा परिवेश की विडम्बनाओंं को उभारने, बिखरी हुई जीवन-स्थितियों को उद्घोषक की दार्शनिक काव्योक्तियों, सूर्योदय से रात्रि तक के बिम्बों के बीच एक पीढ़ी के भयानक जद्दो जहद, प्रतिकूल धारा में नौका खेने के बिम्बों के माध्यम से प्रतीकात्मक दृश्यों में उजागर हुई है। वस्तुत: यह नाटक सामान्यत: एक महाजनी व्यवस्था में किश्तों में मरते-मिटते आदमी की व्यथाकथा है, किन्तु विशेषत: यह बीसवीं शताब्दी के सातवें, आठवें दशकों के समग्र आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक उत्पीडऩ की कथा है। एक निरन्तर अमानवीय होते जा रहे परिवेश के विरूद्ध एकाकी पड़ती मानवीयता के असफल होते संघर्ष की कथा है।