Kriti Chintan Aur Mulyankan Sandarbha / कृति चिन्तन और मूल्यांकन सन्दर्भ
Author
: Ramchandra Tiwari
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Hindi Literary Criticism / History / Essays
Publication Year
: 2005
ISBN
: 8171244017
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: iv + 236 Pages, Size : Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm.

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प्रस्तुत कृति समय-समय पर स्तरीय पत्रिकाओं में लेखक द्वारा लिखे गये समीक्षात्मक निबन्धों का संग्रह है। ये निबन्ध 'आलोचनाÓ, 'कसौटीÓ, 'माध्यमÓ, 'नया मानदण्डÓ, 'हिन्दी अनुशीलनÓ आदि पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। कृति का नाम भी एक प्रकार से सम् पादकों का ही दिया हुआ है। कृतिविशेष की समीक्षा को किसी सम्पादक ने 'कृतिचिन्तनÓ शीर्षक से प्रकाशित किया तो अन्य कृतियों की समीक्षा को किसी दूसरे सम् पादक ने 'मूल्यांकन सन्दर्भÓ शीर्षक से। दोनों शीर्षकों को सम्मान देते हुए इसे 'कृतिचिन्तन और मूल्यांकन सन्दर्भÓ नाम दे दिया। निबन्धों के चयन में इस बात का ध्यान रखा गया है कि इनके माध्यम से हिन्दी-साहित्य का पूरा परिदृश्य—पुराना और नया—पाठकों के सामने आ जाय। संग्रह में डॉ० रामविलास शर्मा के साहित्य के विभिन्न पक्षों से सम्बद्ध निबन्धों की संख्या सबसे अधिक है। इसका कारण यह है कि सारे मतभेदों और विवादों के बावजूद आचार्य शुक्ल के बाद हिन्दी-साहित्य के सर्वाधिक ख्यात और स्वीकृत आलोचक डॉ० शर्मा ही हैं। उनसे असहमति हो सकती है, किन्तु उनके व्यापक अध्ययन और आलोचनात्मक मेधा के महत्त्व को अस्वीकार नहीं किया जा सकता। अन्य निबन्धों को भी सम्पादकों ने सराहा है और स-सम्मान उनका प्रकाशन किया है। निश्चय ही इस कृति में हिन्दी-साहित्य की व्यवस्थित आलोचना नहीं, किन्तु इससे पाठकों को लेखक के विस्तृत अध्ययन और गम्भीर अनुशीलनपरक विवेचन की क्षमता का परिचय अवश्य मिलेगा। लेखक की अन्य समीक्षात्मक कृतियों की भाँति हिन्दी-जगत् इसका भी स्वागत करेगा, ऐसा विश्वास है।