Aacharya Mahavir Prasad Dwivedi Aur Sahityik Patrakarita / आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी और साहित्यिक पत्रकारिता
Author
: Indrasen Singh
Language
: Hindi
Book Type
: Reference Book
Category
: Journalism, Mass Communication, Cinema etc.
Publication Year
: 2000
ISBN
: 8171242480
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: vxi + 120 Pages, Append., Size : Demy i.e. 22 x 14 Cm.
MRP ₹ 120
Discount 15%
Offer Price ₹ 102
OUT OF STOCK
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी हिन्दी की साहित्यिक पत्रकारिता के भीष्म पितामह थे। द्विवेदी जी ने 'सरस्वती' को राष्ट्रीय स्तर की पत्रिका बनाया। द्विवेदी जी के लिए संपादन कोई यांत्रिक प्रक्रिया नहीं थी। ïवह एक प्रकार का आत्मदान था। अपने को मिटाकर उन्होंने 'सरस्वती' की जो भव्य प्रतिमा निर्मित की वह आज भी श्लाध्य है। 1907 ई० तक 'सरस्वती' हिन्दी के लेखकों , कवियों और पाठकों के बीच पूर्णत: प्रतिष्ठित हो गई थी। द्विवेदी जी 'ज्ञान राशि के संचित कोश' को साहित्य मानते थे। उन्होंने 'सरस्वती' को इसी कसौटी पर खरा प्रमाणित किया। द्विवेदीजी ने 'सरस्वती' के माध्यम से विविध विधाओं और साहित्यकारों के लेखन को भाषा तथा विषय की दृष्टि से संस्कारित किया। इस पुस्तक में द्विवेदी जी की सम्पादन प्रक्रिया का विस्तृत परिचय प्रस्तुत किया गया है। पत्रकारिता तथा साहित्यकारों के विकासात्मक अध्ययन की दृष्टि से यह पुस्तक सर्वथा उपयोगी है।
विषय-क्रम : प्राक्कथन, 1. सरस्वती विवेचन (1903-1920), 2. साहित्यिक पत्रकारिता : सम्पादकीय टिप्पणियाँ (अ) प्रारम्भिक काल (1903-1905), (ब) सूचना काल (1906-1909), (स) प्रोत्साहन काल या प्रेरणा काल (1911-1915), (द) चेतना काल या शिखर काल (1915-1920), 3. पत्र-पत्रिकाओं का वाॢषक विवरण, 4. उपसंहार, परिशिष्टï : पुस्तक समीक्षा, भाषा संस्कार, 'सरस्वती' की विनय, लेखकों से प्रार्थना, आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी : जीवन परिचय, सन्दर्भ ग्रन्थ-सूची।