Shrimad Eknathi Bhagwat / श्रीमद् एकनाथी भागवत
Author
: N.V. Sapre
Language
: Hindi
Book Type
: General Book
Category
: Gita, Bhagwat
Publication Year
: 2017, 3rd Edition
ISBN
: 9789351461845
Binding Type
: Hard Bound
Bibliography
: xvi + 852 Pages, Size : Crown Octavo i.e. 25.5 x 18.5 Cm.

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श्रीमद् एकनाथी भागवत
वेद में जो नहीं कहा गया गीता ने पूरा किया। गीता की कमी की आपूर्ति 'ज्ञानेश्वरी' ने की। उसी प्रकार ज्ञानेश्वरी की कमी को एकनाथी भागवत ने पूरा किया। दत्तात्रेय भगवान के आदेश से सन् १५७३ में एकनाथ महाराज ने भागवत के ग्यारहवें स्कंध पर विस्तृत और प्रौढ़ टीका लिखी। यदि 'ज्ञानेश्वरी' श्रीमद्भागवत की भावार्थ टीका है तो नाथ भागवत श्रीमद्भागवत के ग्यारहवें स्कंध पर सर्वांगपूर्ण टीका है। इसकी रचना पैठण में शुरु हुई और समापन वाराणसी में हुआ। विद्वानों का मत है कि यदि ज्ञानेश्वरी को ठीक तरह से समझना है तो एकनाथी भागवत के अनेक पारायण करने चाहिये। तुकाराम महाराज ने भण्डारा पर्वत पर बैठकर एकनाथी भागवत का एक सहस्र पारायण किये। पैठण में आरम्भ एकनाथी भागवत् मुक्तिक्षेत्र वाराणसी में मणिकर्णिका महातट पर पंचमुद्रा नामक पीठ में कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को पूर्ण हुई। इस ग्रन्थ में भागवत धर्म की परम्परा, स्वरूप विशेषताएँ, ध्येय, साधन आदि भागवत के आधर पर निरूपित हुआ है।